कन्हैया कुमार के 6 ज़ोरदार हमले!

पूर्व जेएनयू स्‍टूडेंट और युवा सीपीआई नेता कन्‍हैया कुमार के लुधियाना आने की ख़बर आते ही यहां पंजाबी भवन के आसपास तनाव का माहौल बना हुआ था। लुधियाना बार एसोसिएशन से जुड़े कुछ वकीलों ने उनके लुधियाना आने के विरोध में प्रदर्शन करने की चेतावनी दे रखी थी। जिससे देखते हुए सुबह से पंजाबी भवन को छावनी में तब्‍दील कर दिया गया। करीब 12 बजे कन्‍हैया के पंजाबी भवन पहुंचने के बाद सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई। पंजाबी भवन की ओर आती सड़क पर बैरीकेट लगा कर प्रदर्शनकारी वकीलों को रोक दिया गया, उन्‍होंने वहीं पर धरना दिया। कुछ देर उन्‍हें पुलिस वैन में बिठा कर पुलिस ले गई।


kanhaiya kumar attack on modi

कन्‍हैया कुमार ने लुधियाना के पंजाबी भवन में सोशल थिंकर्ज़ फोरम एवं पंजाबी साहित्‍य अकादमी द्वारा महंगी शिक्षा, घटते रोज़गार विषय आयोजित की गई विचार चर्चा के दौरान भाषण देने आए थे। इस दौरान उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंन्द्र मोदी, उनकी सरकार, उनके मंत्रियों और उनकी नीतियों पर जम कर हमले बोले। अपने कटाक्ष भरे अंदाज़ में बोलते हुए उन्होंने मोदी सरकार छेह ज़ोरदार हमले बोले। खचाखच भरे पंजाबी भवन के सेमीनार हाल में कन्‍हैंया ने करीब एक घंटा मोदी सरकार और शिक्षा की सरकारी नीतियों पर ताबड़तोड़ हमले किए। क्या कहा उन्होंने आाईए बताते हैं-


1. एंटी इंडिया नहीं, एंटी मोदी हूं
पहली बार पंजाब में बोलते हुए कन्‍हैया ने भगत सिंह, करतार सिंह सराभा, क्रांतिकारी कवि पाश का बार-बार हवाला देते हुए अपनी लड़ाई को आर-पार की लड़ाई बताया। उन्‍होंने कहा कि वह नारे तो लगाते हैं लेकिन देश के ख़िलाफ नहीं बल्‍कि उन नेताओं के ख़िलाफ नारे लगाता हों जो देश की जनता से गद्दारी कर रहे हैं। उन्‍होंने मोदी भक्‍तों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “मोदी जी इंडिया नहीं है, वह आपके लिए होंगे, हमारे लिए देश के सवा सौ करोड़ लोग इंडिया हैं। मैं एंटी इंडिया (anti-national) नहीं, एंटी मोदी (Modi) हूं और मुझे इस बात का गर्व है। उन्‍होंने कहा कि वह केवल एक व्‍यक्‍ति के ख़िलाफ नहीं है, बल्‍कि भारत की लोकतंत्र की परंपरा के हक में लड़ रहा हैं। जब सरकार वादा करके बनती है और वह वादे पूरे ना हो तों लोगों के साथ उससे सवाल पूछना ही मेरी लड़ाई है।



2. पीएम को ठेके पर रखो
कन्हैया ने कहा जिस तरह से डिगरियों पर लाखों रूपए ख़र्च करने के बाद युवाओं को पक्का रोज़गार देने की बजाए ठेके पर रखा रहा है। मज़दूर से लेकर टीचर तक ठेके पर भर्ती किए जा रहे हैं, उसे तरह देश के प्रधानमंत्री को भी ठेके पर भर्ती करना चाहिए और जब चाहे नौकरी से निकाल दिया जाना चाहिए।

3. सरकार कर रही है भारतीय सेना का अपमान
कन्हैया ने कहा कि एक तरफ़ मोदी सरकार सेना के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करती है और अपनी आलोचना करने वालों को देशद्रोही करार दे देती है, वहीं सरकार ने मौजूदा और पूर्व सैनिकों का जीना मुहाल कर दिया है और उन को दी जा रही सुविधाएं भी छीन ली हैं। उन्होंने बताया कि किस-किस तरह सुविधाएं छीनी जा रही हैं और पूर्व सैनिकों को प्रताड़ित किया जा रहा है।


4. मोदी पीएम हैं या जेम्ज़ बांड?
मोदी की जुमलेबाज़ी पर कटाक्ष करते हुए कन्हैया ने कहा कि वह बातें तों ऐसे करते हैं जैसे देश के प्रधानमंत्री ना हो कर हॉलीवडु फ़िल्मों के जेम्ज़ बांड हो। कन्हैया ने कहा कि बातें बहुत हो गई, अब बताईए कि काम क्या कियाॽ


5. सावरकर ने कराया भारत का बटवारा
मोदी सरकार द्वारा ख़ुद पर दर्ज़ करवाए गए देशद्रोह के मुकदमे और देश के टुकड़े करवाने के नारों के बारे में कन्हैया कहा कि जो लोग हम पर देशद्रोह के मुकदमे दर्ज़ करवा रहे हैं और जो संघ आज भी देश को बांटने की कोशिश कर रहा है, पाकिस्तान बनवाने और देश के बटवारे का विचार उन्हीं के पूजनीय प्रचारक वीर सावरकर ने दिया था। कन्हैया ने कहा कि देश में सबसे पहले दो राष्ट्रों की नीति का विचार सावरकर ने ही दिया था।

6. जूते मार लो, डरता नहीं हूं, हार नहीं मानूंगा
कोर्ट परिसर में कन्हैया पर वकीलों द्वारा किए गए हिंसक हमले की ओर संकेत करते हुए कन्हैया ने कहा कि लुधियाना के वकील दिल्ली के उन वकीलों से कहीं बेहतर हैं, जो विरोध करने का तरीका जानते हैं। कन्हैया ने मोदी सरकार द्वारा उन पर की गई कार्यावाही पर सवाल करते हुए कहा, “चाहे मुझ पर जूते फेंकवा लो, मैं डरने वाला नहीं हूं और ना ही हार मानने वाला हूं। संघ को देश को फ़िर से बांटने नहीं दिया जाएगा और यह लड़ाई जारी रहेगी।

अंत में युवाओं की मांग पर कन्हैया ने उनके साथ मिल कर अपना बहुचर्चित आज़ादी स्लोगन गीत गाया

उससे पहले वरिष्‍ठ शिक्षाविद डॉ. तरसेम बाहिया ने संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब की प्राईवेट यूनिवर्सिटीज़ द्वारा नियमों को ताक पर रख कर बांटी जा रही डिग्रियों के बारे में जानकारी दी। उन्‍होंने आंकड़ों के साथ बताया कि किस तरह पंजाब की सरकारी शिक्षा नीति से निचला और मध्‍य वर्ग लगभग गायब होता जा रहा है और शिक्षा का व्‍यपारीकरण भयावह रूप ले चुका है। उन्‍होंने ज़ोर देकर कहा कि इस शिक्षा प्रणाली में करोड़ों रूपए खर्च करने के बावजूद यूवा रोज़गार योग्‍य नहीं बन पा रहे हैं। इसके साथ ही उन्‍होंने केंद्र सरकार द्वारा गुपचुप तरीके से बनाई जा रही नई शिक्षा नीति के जनविरोधी पहलुओं का ज़िक्र किया। कन्‍हैया को देखने के लिए युवाओं से लेकर विद्वानों तक में उत्‍सुकता देखने को मिली। युवा और विद्वान दोनों ही कन्‍हैया के साथ फोटो खिचवाते हुए नज़़र आए। इस मौके पर डॉ. अरूण मित्रा, डॉ. सुरजीत, डॉ. सुखदेव सिंह और अमरजीत कौर ने शिक्षा नीति के विभिन्‍न पहलुओं पर विचार रखे।

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