लंबी बीमारियों में मददगार साबित हो सकता है योग

योग से हाईपरटैंन, डायब्टीज़ और दिल से जुड़ी समस्याओं में लाभ मिल सकता है


पिछले साल दिसंबर में युनाईटेड नेशनस की जनरल एसेंबली ने 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। योग 5000 साल पुराना शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक अभ्यास है जिसका मकसद मन, मस्तिष्क और आत्मा को रूपांतरित करना है। पिछले कुछ दशकों में, योग को पूरी दुनिया के लोगों ने तंदुरुस्ती और स्वास्थय की पवित्र पद्धति के रूप में अपनाया है। अपने स्थापित स्वास्थ्य लाभों की वजह से, एलोपैथिक दवाओं के साथ ही अब डाॅक्टर बहुत बढ़-चढ़ कर मनोदैहिक और शरीर को कमज़ोर करने वाली पुरानी बीमारियों से जूझ रहे मरीज़ों को योग करने की सलाह देने लगे हैं। 
meditation and yoga removes stress
मेडिटेशन यानि ध्यान से तनाव कम हाेता जिससे हाई ब्लड प्रैशर से आाराम मिलता है


योग उन बीमारियों से निपटने में काफी कारगर है, जिनमें मानसिक और सामाजिक कारण जैसे कि तनाव अहम भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए रक्त धमनियों की बीमारियां, हाई ब्लड प्रैशर, दमा, खुजली, डायब्टीज़, सोजिश इत्यिादी में योग तनाव कम करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत करता है। योग शरीर के विभिन्न अंगों को कमज़ोर करने की प्रक्रिया को धीमा करके लाइफ स्टाईल से जुड़ी कई बीमारियों जैसे कि दिल का दौरा, डाॅयब्टीज़ और अरथराईट्स का खतरा भी कम करता है। 
yoga is helpful in heart desease
दिल के रोगों में लाभप्रद होता है योग


इसके फायदों के बारे में बताते हुए मैक्स बालाजी सूपर स्पैशलिटी हस्पताल, पटपड़गंज, नई दिल्ली के कार्डियक कैथ लैब के एसोसिएट डायरेक्ट और प्रमुख डाॅ मनोज कुमार ने बताया कि योग जैसा स्वस्थ अभ्यास करने से तनाव कम होता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, रक्त का बहाव और सांस लेने की प्रक्रिया बेहतर होते है। उदाहरण के लिए अगर नियमित तौर पर प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास किया जाए तो यह हाई ब्लड प्रैशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। डाॅयब्टीज़ के मरीज़ों को सलाह दी जाती है कि वह अपनी नियमित ऐलोपैथिक दवाई के साथ योग को भी अपनाएं। जो मरीज़ दिल की बीमारियों से पीडि़त हैं वह भी योग की शांति प्रदान करने वाले गुणों का लाभ उठा सकते हैं। अंतराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहूंगा कि कैसे हम लाइफ स्टाईल में सरल बदलाव करके हाईपरटैंशन, डायब्टीज़ और दिल के रोगों से जुड़ी अनेक समस्याओं की दवाओं की डोज़ को कम कर सकते है।
yoga is helpful in diabetes
योग से शरीर चुस्त रहता है और डायब्टीज़ को नियंत्रित करने में मदद मिलती है 
इस बारे में और जानकारी देते हुए कैलाश हस्पताल एंड हार्ट इंस्टीच्यूट, नोयडा के सीनियर इंटरवेंशनल काॅडियोलाॅजिस्ट डाॅ संतोश कुमार अग्रवाल कहते हैं कि योग और प्रणायाम जैसे अभ्यास दिल की बीमारियों, दमा और हाई ब्लड प्रैशर के मरीज़ों के लिए काफी लाभप्रद हो सकते हैं। योग जीवन जीने का एक ढंग है और रोगों से निपटने की बेहतर पद्धती है। इसके तनाव मुक्त करने वाले गुण रक्त का बहाव बेहतर करने, नब्ज़ को नियमित करने, ब्लड प्रैशर को नियंत्रित रखने, सांस लेने की गति को सुधारने और प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करने में मदद करते हैं। मैं अपने सभी मरीज़ों को रोगों का बेहतर ढंग से प्रबंधन करने के लिए अपनी नियमित दवाओं के साथ योग और प्रणायाम अपनाने की हमेशा सलाह देता हूं। 
यह भी बेहद ज़रूरी है कि जो लोग किसी रोग से ग्रस्त हैं या मोटापे के शिकार हैं वह योग करते समय किसी विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें। योग अभ्यास का कार्यक्रम योग विशेषज्ञ द्वारा इलाज कर रहे डाॅक्टर से विचार विमर्श करके ही बनाया जाना चाहिए ताकि इसके बेहतर परिणाम मिल सकें और चोट लगने से भी बचा जा सके।

Posted

in

by

Tags:

एक नज़र ईधर भी

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page