आयोजकों काे उम्मीद है कि इस बार 2 लाख लोग मेले का हिस्सा बनेंगे, इस लिए विचार उत्तेजक चर्चाओं के साथ ही उनके मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। पूरे आयोजन के दौरान अामेर किले और एल्बर्ट हाल में सांस्कृतिक शामों का आयोजन होगा जिसमें सभी भाग ले सकते हैं। ज़ी जयपुर लिट्ररेचर फैस्टीवल का शुभारंभ राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे करेंगी, जबकि पुरस्कृत लेखिका माग्रेट एटवुड उद्घाटनी भाषण देंगी। इसके साथ ही फैस्टीवल के कुछ रोचक सैशनों के संकल्न को लोर्कपित किया जाएगा। डिग्गी पैलेस में कार्यक्रम की शुरूआत राजस्थानी संगीतकार नत्थू सोलंकी और चुग्गे खान की संगीतमयी प्रस्तुति से होगी। सुबह के सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत अमेरीकी शास्त्रीय संगीतकार एवं बाबा अलाउदीन मैहर सैनिया घराने की गायिका गायत्री कौडिन्या करेंगी।
ज़ी जयपुर लिट्ररेचर फैस्टीवल में मनेगा राजस्थानी संस्कृति का जशन
दीप जगदीप सिंह । साहित्य के साथ साथ ज़ी जयपुर लिट्ररेचर फैस्टीवल में इस बार राजस्थानी संस्कृति का जशन भी मनेगा। साहित्य समारोह के दौरान मीरा बाई के काव्य से लेकर कवांड़ की मौखिक परंपरा के साथ ही राजस्थान के पौराणिक गहनों का भी प्रदर्शन होगा। यानि इस बार ज़ी जयपुर लिट्ररेचर फैस्टीवल में राजस्थान की कला और संस्कृति के रंग भी घुलेंगे।
दूसरे दिन की शुरूआत सुमन यादव भारतीय और राजस्थानी संगीत के संगम से भरी पेशकश के ज़रिए करेंगी। वह अपनी नई एलबम इवनिंग सेरेनिटी से शास्त्रीय भक्ती संगीत का गायन करेंगी। दूसरे दिन के शाम के कार्यक्रम में कुत्ले ख़ान प्रोजेक्ट के तहत कुत्ले ख़ान की संगीत मंडली राजस्थानी लोक संगीत पेश करेंगी। यह पेशकश राजस्थान की एयू फाईनेंसर्ज़ द्वारा प्रस्तुत की जा रही है।
राजस्थान पर्यटन विभाग के सहयोग से ज़ी जयपुर लिट्ररेचर फैस्टीवल के दौरान आमेर किले और एल्बर्ट हाल में दो सांस्कृतिक शामों का आयोजन होगा। विलियम शेक्सपीयर की 400वीं जन्मशति को समर्पित आयोजन के तहत 22 जनवरी को शाम 7 30 बजे एल्बर्ट म्यूज़ियम में शेक्सपीयर के नाटक टवेल्फथ नाईट पर आधारित हिंदी नाटक पिया बहरूपिया पेश किया जाएगा। हास्य, व्यंग्य, प्रेम, काव्य और गीतों से सजे इस नाटक की पेशकश अतुल कुमार के निर्देशन में कंपनी थिएटर द्वारा की जाएगी। 23 जनवरी को टाइम एंड द इंडियन इमेजिनेशन कार्यक्रम के तहत गिरीश कर्नाड अपने नाटकों नाग मंडल, मिडनाईट हिस्ट्री ड्रिम्ज़ ऑफ टीपू सुल्तान और मार्निंग मिथ द फायर एंड द रेन के दृश्यों का पाठ करेंगे। इस कार्यक्रम का समापन सूफी परंपरा के 26वीं पीढ़ी के सूफी संगीतकार मीर मुख्तयार अली की विशेष पेशकश से होगा। मीर मुख्तयार अली राजस्थान की पाकिस्तन से सटी सीमा पर स्थित गांव पुगल के रहने वाले हैं और मौखिक सूफी परंपरा के वारिस हैं। वह सूफी गायकी से आयोजन को यादगार बनाएंगे। इन कार्यक्रमों के एंट्री पास सूचना डेस्क पर उपलब्ध रहेंगे।
ज़ी जयपुर लिट्ररेचर फैस्टीवल के निर्माता एवं टीम वर्क्स के निदेशक संजय रॉय ने बताया कि राजस्थान उन कुछ राज्यों में से एक है जिसने अपनी सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन के महत्व और स्थानीय आर्थिकता पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को समझा है। हम यहां के बेहतरीन संगीत, रंगमंच और कविता को सदियों पुरानी विरासत की पृष्ठ भूमि के साथ पेश करते हुए खुशी महसूस कर रहे हैं।
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