• तेरी जाति क्या?

    तेरी जाति क्या?

    नाटक की भला कोई जाति होती है क्या? लेकिन नाटक जाति के सवाल पर बहुत गंभीर विमर्श कर सकता है। ख़ास कर उस शहर में जहां पर नाटक भी अछूत माना जाता है। असल में नाटक बड़ा दमदार माध्यम है। अगर इसे जी-जान से किया जाए तो दर्शकों को अंदर तक हिला देने की कुव्वत […]

  • पंजाबी कहानी । नाविक का फेरा । अमृता प्रीतम

    पंजाबी कहानी । नाविक का फेरा । अमृता प्रीतम

    मर्द-औरत का रिश्ता, आदम और हव्वा के ज़माने से एक अबूझ पहेली रहा है। समाज, राजनीति, न्यास व्यवस्था, रोज़गार और अकांक्षाएं इस पहेली को और भी गहरा कर देते हैं। प्रख्यात लेखिका अमृता प्रीतम औरत-मर्द के रिश्ते और प्रेम की गहराईयों को बड़ी बेबाकी से शबदों में उतराने के लिए जानीं जाती हैं। उन्हीं की […]

  • पंजाबी कहानी । मां-बेटियां । मनमोहन बावा

    पंजाबी कहानी । मां-बेटियां । मनमोहन बावा

    लड़कियों के लिए प्रेम आज भी टैबू है। वह प्रेम कर तो सकती हैं, प्रेम के बारे में बात नहीं कर सकती। लड़कियां केवल समाज से, परिवार से, मां से छिप कर ही प्रेम कर सकती हैं और फिर उसकी परकाष्ठा को वक्त और किस्मत के सहारे छोड़ देने के लिए मजबूर होती हैं। यह […]

  • पंजाबी कहानी | चक दे इंडिया | बलदेव सिंह

    पंजाबी कहानी | चक दे इंडिया | बलदेव सिंह

    1990 के बाद की खुली अर्थव्यवस्था के बाद देश ने जैसे ख़ुद को इंडिया और भारत में बंटते देखता है, उसे हम अनदेखा तो कर सकते हैं नज़रअंदाज़ नहीं। इंडिया में रहते हुए बीएमडब्लयू में किसी हीरोईन की कमर सी बल खाती सड़क पर जब हम किसी चैराहे पर रूकते हैं तो ना चाहते हुए […]

  • पंजाबी कहानी | लबारी | जतिंदर सिंह हांस

    आज के दौर की सबसे बड़ी त्रासदी कोई बीमारी नहीं बल्कि अकेलापन है, जो यूवा पीढ़ी से लेकर उम्रदराज़ पीढ़ी को अंदर ही अंदर खाए जा रहा है। यूवा पंजाबी कथाकार जतिंदर सिंह हांस अपनी पंजाबी कहानी लूतरो में दो पीढ़ियों के अकेलेपन को अपनी दो महिला पात्रों के ज़रिए बाखूबी पेश कर रहें हैं। […]

  • जयपुर लि‍ट्ररेचर फैस्‍टीवल: उत्‍सव या तमाशा

    दीप जगदीप सि‍ंह | जयपुर लि‍ट्रेचर फैस्‍टीवल खत्‍म हुए एक सप्‍ताह से ज्‍़यादा हो चुका है। पांच दि‍न की ‘भीड़ भरी हवाई उड़ान’ के बाद ‘जैटलैग’ से नि‍कलने के लि‍ए शायद एक सप्‍ताह काफी होता हो। इन सात-आठ दि‍नों में लि‍खूं या ना लि‍खूं वाली हालत लगातार बनी रही, लेकि‍न आखि‍र कब तक चुप रहूं, […]

  • ज़ी जयपुर लि‍ट्ररेचर फैस्टीवल में मनेगा राजस्‍थानी संस्‍कृति‍ का जशन

    दीप जगदीप सि‍ंह । साहि‍त्‍य के साथ साथ ज़ी जयपुर लि‍ट्ररेचर फैस्टीवल में इस बार राजस्‍थानी संस्‍कृति‍ का जशन भी मनेगा। साहि‍त्‍य समारोह के दौरान मीरा बाई के काव्‍य से लेकर कवांड़ की मौखि‍क परंपरा के साथ ही राजस्‍थान के पौराणि‍क गहनों का भी प्रदर्शन होगा। यानि‍ इस बार ज़ी जयपुर लि‍ट्ररेचर फैस्टीवल में राजस्‍थान […]

  • शब्दों के समंदर में डूबने को तैयार है ग़ुलाबी ‘रेगि‍स्तान’

    दीप जगदीप सि‍ंह । ज़ी लि‍ट्ररेचर फैस्टीवल देश दुनि‍या में साहि‍त्य के जशन का पर्यावाची बन गया है। हर साल जनवरी में ग़ुलाबी ‘रेगि‍स्तान’ शब्दों के समंदर में डूब जाता है, जि‍समें दुनि‍यां भर के नामी कलमकार अपने वि‍चारों की लहरें लेकर आते हैं और दुनि‍या भर से आए साहि‍त्य प्रेमि‍यों को अपनी नमकीन बूंदों […]

  • भारतीय भाषाओं का महाउत्सव समन्वय 2015

    इंडिया हैबिटाट सेंटर में भारतीय भाषा महोत्सव ‘‘समन्वय: 2015’’ के पांचवां संस्करण पिछले हफ्ते संपन्न हुआ। इस साल ‘‘समन्वय’’ की थीम है – इनसाइडर/आउटसाइडर – राइटिंग इंडियाज ड्रीम्स एंड रियलिटीज’’ रही और इस साल इस आयोजन के स्वरूप में काफी विस्तार हुआ है और इस साल के महोत्सव में क्यूरेट कला, अनुवाद से लेकर पाक […]

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