ओस्टिोपोरोसिस और विटामिन डी की कमी है दो मूक बीमारीयां
एक अनुमान के मुताबिक भारत में 8 में से 1 पुरूष और 3 महिलाएं ओस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं, इस वजह से हमारा देश इस बीमारी के मामले में पूरी दुनिया मे सबसे ज़्यादा प्रभावित है। कम दूध पीना, धूप से बचना और पारंपरिक खेलों से दूरी इस नई समस्या का कारण है। युवा, ख़ास कर मेडिकल रेसीडेंट्स, कार्यस्थलों में बंद धूप से दूर रहते हैं।
इस बारे में आईएमए के नैशनल प्रेसीडेंट एंव एचसीएफआई के प्रेसीडेंट पद्मश्री डॉ केके अग्रवाल और आईएमए के जनरल सेक्रेटरी डाॅ आरएन टंडन का कहना है कि ओस्टियोपोरोसिस को मूक बीमारी भी कहते है जिसका अक्सर पता नहीं चलता, जब तक इसके लक्ष्ण सामने ना आने लगें। जल्दी पता चलना और बचाव से इससे बचा जा सकता है। ख़तरे की पहचान और डाॅक्टर की सहायता मददगार साबित हो सकते हैं, ख़ास कर तब जब आपकी पहले हड्डी टूट चुकी हो या किसी बीमारी की ऐसी दवा ले रहें हों जो हड्डियों को नुकसान पहुंचाती है। ज़रूरत हो तो ओस्टियोपोरोसिस की दवा लें, इससे आपकी हड्डियों की मज़बूती बढ़ेगी और हड्डी टूटने का ख़तरा कम होगा।
डाॅ अग्रवाल कहते हैं कि हड्डियों की सेहतमंद ख़ुराक में प्रोटीन और कैल्रीज़ के साथ ही कैल्शियम और विटामिन डी की उचित मात्रा होनी चाहिए जो ओस्टियोपोरोसिस से बचने और हड्डियों के बनने और मज़बूती बने रहने में मदद करते हैं। कैफीन, शराब और नमक से परहेज़ हड्डियां की हानि रोक सकता है। हड्डियों के ढांचे को मज़बूत करने और हड्डियों की ताकत बढ़ाने के लिए लिए सप्ताह में तीन बार 30 मिनट व्यायाम करना बेहद आवश्यक है।
इन बातों पर करें गौर-
- धुम्रपान छोड़ें यह हड्डियों को कमज़ोर करता है।
- कैल्शियम वाली ख़ुराक खाएं, 65 साल से ज़्यादा उम्र पुरूष और मासिक धर्म बंद हो चुका हो तो महिलाएं हर रोज़ 1500 एमजी कैल्शियम लें। दुग्ध उत्पाद, टोफू और अन्य सोया उत्पाद, संतरे का कैल्शियम फोर्टिफाइड जूस, डिब्बाबंद हड्डियों वाली सेलमन और पकाई हुई पालक इसके प्रमुख स्रोत हैं।
- आप जितनी धूप लेते हैं विटामिन डी उसी हिसाब से मिलता है, उम्रदराज़ लोगों जो घर से बाहर नहीं निकल सकते उन में ख़ास कर सर्दियों में यह कम हो सकता है। आवश्यकता पूरी करने के लिए स्पलीमेंट ले सकते हैं।
- हर रोज़ कम से कम 20 मिनट धूप में बैठें यह हर साल एक महीने तक करना आवश्यक है।
- ख़ुराक में प्रोटीन और कैल्शियम की उचित मात्रा लेने से हड्डियों की मजबूती बढ़ती है। फलियों, पोल्ट्री, सी-फूड, मीट, दुग्ध उत्पाद से 12 प्रतिशत कैलरीज़ लें। लेकिन अत्यधिक प्रोटीन और बेहद कम कैल्शियम हानिकारक होगा।
- सैर करने, जाॅगिंग और सीढ़ियां चढ़ने जैसे पैरों के ज़रिए हड्डियों पर शरीर का वज़न डालने वाली भारी कसरतें करें। इससे टांगें, कूल्हों और रीढ़ के निचले हिस्से में खनिजों की क्षति कम होती है।
- वज़न उठाएं, इससे बाहों, सीने और रीढ़ के उपरी हिस्से की हड्डियां मज़बूत होती हैं। यह खनिजों के नुकसान को रोकने के लिए सीधे हड्डियों पर असर करती हैं।
- उचित मात्रा में विटामिन के लेने से हड्डियों की मजबूती बढ़ती है। हरी पत्तेदार सब्ज़ियां सबसे बढ़िया स्रोत हैं, रक्त पतला करने वाली दवा ले रहे हों तो डाॅक्टर से संपर्क करें।
- अत्यधिक शराब के सेवन से बचेंः महिलाएं एक ओंस और पुरूष दो ओंस से कम शराब प्रतिदिन पर सीमित रहें।
- कोला कम से कम पिएं, ज़्यादा कोला पीने वालों की हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं।
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