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पंजाबी कहानी । नाविक का फेरा । अमृता प्रीतम
मर्द-औरत का रिश्ता, आदम और हव्वा के ज़माने से एक अबूझ पहेली रहा है। समाज, राजनीति, न्यास व्यवस्था, रोज़गार और अकांक्षाएं इस पहेली को और भी गहरा कर देते हैं। प्रख्यात लेखिका अमृता प्रीतम औरत-मर्द के रिश्ते और प्रेम की गहराईयों को बड़ी बेबाकी से शबदों में उतराने के लिए जानीं जाती हैं। उन्हीं की […]
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पंजाबी कहानी । मां-बेटियां । मनमोहन बावा
लड़कियों के लिए प्रेम आज भी टैबू है। वह प्रेम कर तो सकती हैं, प्रेम के बारे में बात नहीं कर सकती। लड़कियां केवल समाज से, परिवार से, मां से छिप कर ही प्रेम कर सकती हैं और फिर उसकी परकाष्ठा को वक्त और किस्मत के सहारे छोड़ देने के लिए मजबूर होती हैं। यह […]
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पंजाबी कहानी | चक दे इंडिया | बलदेव सिंह
1990 के बाद की खुली अर्थव्यवस्था के बाद देश ने जैसे ख़ुद को इंडिया और भारत में बंटते देखता है, उसे हम अनदेखा तो कर सकते हैं नज़रअंदाज़ नहीं। इंडिया में रहते हुए बीएमडब्लयू में किसी हीरोईन की कमर सी बल खाती सड़क पर जब हम किसी चैराहे पर रूकते हैं तो ना चाहते हुए […]
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पंजाबी कहानी | लबारी | जतिंदर सिंह हांस
आज के दौर की सबसे बड़ी त्रासदी कोई बीमारी नहीं बल्कि अकेलापन है, जो यूवा पीढ़ी से लेकर उम्रदराज़ पीढ़ी को अंदर ही अंदर खाए जा रहा है। यूवा पंजाबी कथाकार जतिंदर सिंह हांस अपनी पंजाबी कहानी लूतरो में दो पीढ़ियों के अकेलेपन को अपनी दो महिला पात्रों के ज़रिए बाखूबी पेश कर रहें हैं। […]