14 जून को रक्तदान दिवस मनाया जाता है; नियमित रूप से रक्तदान करते रहने और इसके स्वास्थय को होने वाले फायदों के बारे में जागरूक होना ज़रूरी है। रक्तदान से किसी का जीवन तो बचाया जा ही सकता है, रक्तदान करने वाली की सेहत को भी इसके कई फायदे होते हैं। रक्तदान करने से कैंसर और हैमोक्रोमैटोसिस का खतरा कम होता है, लीवर और पैनक्रिआस के डैमेज होने का खतरा, मोटापा कम होने के साथ ही दिल की सेहत अच्छी रहती है। रक्तदान के पांच प्रमुख फायदे विस्तार से जानने से पहले आईए जान लेते हैं रक्तदान की ज़रूरत क्यों पड़ती है
डब्लयूएचओ की 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल केवल नौ मिलीयन यूनिट रक्त एकत्र किया जाता है जबकि आवश्यकता 12 मिलीयन यूनिट की पड़ती है। दिल्ली एनसीआर में 1 लाख यूनिट की कमी हर साल पाई जाती है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में 234 मिलीयन बड़े आॅपरेशन, 63 मिलीयन आॅपरेशन मानसिक आघात से जुड़े, 31 मिलीयन कैंसर से जुड़े और 10 मिलीयन गर्भ से जुड़ी प्रक्रियाओं में रक्त चढ़ाने की ज़रूरत पड़ती है।
इस बारे में जानकारी देते हुए हार्ट केयर फाउंडेशन आॅफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डाॅ केके अग्रवाल ने बताया कि इस बारे में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए मानव रक्त बनाया नहीं जा सकता, इसे केवल लोगों से ही प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए रक्तदान करना और ज़रूरतमंदों की मदद करना ज़रूरी है। एक स्वस्थ रक्तदान करता की उम्र 18 से 65 साल के बीच की उम्र वाला ऐसा व्यक्ति होता है जिसे हैपेटायटिस, एचआईवी आदि बीमारियां आदि ना हों। रक्तदान केवल हस्पताल, क्लिनिक या ब्लड बैंक के मेडिकल माहिरों की मौजूदगी में ही होना चाहिए। रक्त लेने से पहले ब्लड प्रैशर और संक्रामक बीमारियों से संबंधित रक्त जांच की जानी चाहिए।
जिन्हें पहले से किसी किस्म की स्वास्थ्य समस्या है उन्हें रक्तदान नहीं करना चाहिए। जिन लोगों ने कोई वैक्सीन ली है या आॅपरेशन करवाया है या कैंसर, डायब्टीज़, ज़ुकाम और फ्लू से पीड़ित हैं उन्हें रक्तदान करने से पहले डाॅक्टर से सलाह लेनी चाहिए। गर्भवति महिलाओं को भी रक्तदान करने से पहले डाॅक्टर से विचार कर लेनी चाहिए।
रक्तदान के स्वास्थय लाभ
हेमोक्रोमैटोसिस का खतरा होता है कमः शरीर द्वारा ज़्यादा आयरन सोख लेने की वजह से होने वाली समस्या को हेमोक्रोमैटोसिस कहा जाता है। यह समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी हो सकती है या शराब की लत, अनिमिया या अन्य किसी अनियमितता की वजह से भी हो सकती है। नियमित रक्तदान से आयरन की ओवरलोडिंग को कम करने में मदद मिलती है।
कैंसर रोधी लाभः रक्तदान कैंसर के खतरे को कम करने में भी मदद कर सकता है। रक्तदान करने से शरीर में आयरन की मात्रा संतुलित बनी रहती है। शरीर में आयरन का स्तर कम होने का सीधा संबंध कैंसर के खतरे के घटने से है।
सेहतमंद दिल और लीवरः रक्तदान दिल के रोगों के खतरे और आयरन की अधिकता की वजह से होने वाली लीवर की बीमारियों को कम करने में भी मदद करता है।
वज़न कम करना- नियमित रूप से रक्तदान करने से आपका वज़न कम होता है। मोटापे और दिल के रोगों के खतरे वाले और अन्य स्वास्थय समस्याओं वाले लोगों के लिए यह काफी मददगार होता है। लेकिन लोगों का ज़्यादा जल्दी जल्दी रक्तदान नहीं करते रहना चाहिए। स्वस्थय समस्याओं से बचने के लिए रक्तदान करने से पहले डाॅक्टर से जांच करवा लेनी चाहिए।
नए ब्लड सैलः रक्तदान करने के बाद शरीर नया रक्त बनाने के लिए काम करना शुरू कर देती है। जिस वजह से नए रक्त सैल बनने लगते हैं जो कि अच्छी सेहत बनाए रखने में मदद करते हैं।
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