घरेलू नुस्खा | कैसे करें जल नेती या नेज़ल वाॅश से बंद नाक का इलाज

कई लोग जिन्हें दमे के साथ नाक और साईनेस सीक्रेषन की समस्या होती है, उनका दमा भी काफी बिगड़ सकता है। पारंपरिक भारतीय पद्धति जल नेती से अपनाई गई नमकीन पानी से नाक की सफाई या नेज़ल इरीगेषन पद्धति अब ऐसी बीमारियों के इलाज की माणक पद्धति बन गई है।


नेज़ल वाॅष से जमा हुआ या बंद नाक साफ होकर खुल जाता है, जिससे डाॅक्टर द्वारा दी गई दवा ज़्यादा असर कर पाती है। यह नाक में से एलर्जी और खुजली मिटाने में भी मदद करता है, जिससे संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरीया और वायरस से छुटकारा मिलता है। इससे नाक की सोजिष कम होती है और सांस लेने के लिए ज़्यादा जगह मिलती है, यह जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएषन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पदम्श्री डाॅ ए मारतंड पिल्लई और इंडियन मेडिकल एसोसिएषन के आॅनरेरी सैक्रेटरी जनरल पद्मश्री डाॅ केके अग्रवाल ने दी है।
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जल नेती या नेज़ल वाॅश से बंद नाक का इलाज 


वैसे इस पद्धति को प्रयोग करते समय इन बातों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए-

  • सबसे पहले हाथ धो लें।
  • कुएं के पानी का प्रयोग ना करें।
  • नल के पानी का प्रयोग ना करें।
  • इसके लिए उबले हुए, फिल्टर पानी, डिस्टिल्ड वाॅटर, आर ओ या स्टेरेलाइज़ड पानी का ही प्रयोग करें।
  • अगर नल का पानी प्रयोग कर रहें हैं तो पहले इसे 1 मिनट तक अच्छी तरह से उबाल लें और फिर ठंडा होने दें।
  • अगर फिल्टर पानी का प्रयोग कर रहे हैं तो फिल्टर एक माइक्रोन या उससे छोटा होना चाहिए।
  • 8 ओंस या 1 गिलास पानी में आध चम्मच बिना आयोडीन वाला नमक मिलाएं।
  • आयोडीन वाला नमक नाक में खुजली पैदा कर सकता है।
  • प्रयोग करने से पहले घोल में एक चुटकी बेकिंग सोडा मिला लेना चाहिए।
  • एक बार सफाई के लिए 4 ओंस घोल पर्याप्त होता है, अगर नाक ज़्यादा बंद हो तो 8 ओंस का प्रयोग किया जा सकता है।
  • हर बार प्रयोग करने के लिए नमकीन पानी का नया घोल तैयार करना चाहिए।
  • इस पद्धति से सफाई करने के बाद नाक को ज़ोर से साफ करने बचा हुआ सारा पानी अच्छी तरह से निकाल देना चाहिए।
  • प्रयोग के प्रयोग किए गए बर्तन को अच्छी तरह से धो कर साफ कर देना चाहिए।
  • यह प्रक्रिया हमेषा बेसिन या सिंक की तरफ झुक कर ही करनी चाहिए।
  • अच्छी तरह से और गहरे सांस लेने के लिए यह प्रक्रिया सोने से 1 घंटे पहले भी की जा सकती है।
  • यह सफाई सांस प्रणाली का व्यायम करने से पहले भी की जा सकती है।

जो लोग नाक की एलर्जी से पीडि़त हैं, इस पद्धति से उन्हें एलर्जी से काफी हद तक राहत मिलेगी।



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