मंगलवार सुबह लुधियाना के विभिन्न इंकलाबी संगठनों के आह्वान पर मज़दूरों, युवाओं, विद्यार्थियों के संगठनों द्वारा थाना डिवीज़न नम्बर 5 का घेराव कर रोष प्रदर्शन किया गया और 2 जनवरी को जनचेतना के प्रबंधकों और ब्रिकी केंद्र पर हुए टकराव की घटना के लिए ज़िम्मेदार कट्टड़पंथी संगठन के हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग की। प्रदर्शन कर रहे संगठनों ने धर्म के आधार पर लोगों को बांटने वाले संगठनों पर पाबंदी लगाने और दोषियों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही करने की मांग भी की गई। मौके पर पहुंचे उच्च पुलिस अधिकारियों ने कार्यावाही के लिए 24 घंटे का समय मांगे पर जाने पर धरना हटा लिया गया। रोष प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पधाधिकारियों ने दिए गए समय के अंदर कार्यवाही ना किए जाने पर संघर्ष को और तेज़ करने की चेतावनी दी गई।
बीते सोमवार पंजाबी भवन में ‘नास्तिकता फैलाने वाली किताबों’ को लेकर धार्मिक संगठन और जनचेतना के ब्रिकी केंद्र के प्रबंधकों में टकराव होने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने ब्रिकी केंद्र को सील कर दिया था। आज पुलिस ने कार्यावाही का भरोसा देने के साथ बिक्री केंद्र की चाबियां भी लौटा दीं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनचेतना संगठन के लिए काम कर रही एक वालंटियर लड़की के अभिभावकों द्वारा उसके इस कदम पर एतराज़ जताए जाने पर यह टकराव की स्थिति पैदा हुई। बताया जा रहा है कि अभिभावकों को लड़की का इस संगठन के लिए काम करना पसंद नहीं, जिस वजह से परिवार में विवाद हो गया। धार्मिक संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने इस मामले को धार्मिकमता बनाम नास्तिकता की रंगत दे कर मामले को टकराव की स्थिति पर पहुंचा दिया।
जनचेतना-धार्मिक संगठन टकराव मामले में पुलिस द्वारा 24 घंटे में कार्यवाही का भरोसा
लुधियाना (ब्यूरो) : पंजाबी भवन स्थित जनचेतना पुस्तक ब्रिकी केंद्र के प्रबंधकों और धार्मिक संगठन के मध्य ‘नास्तिक’ पुस्तकों को लेकर हुए टकराव के मामले में मंगलवार को पुलिस ने हंगामाकारियों के खि़लाफ़ 24 घंटे में कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया है।
आज जारी एक प्रैस बयान में टैक्सटाईल-हौज़री कामगार यूनियन के अध्यक्ष लखविंदर का कहना है कि कट्टड़पंथियों ने हिंदू शक्ति मोर्चा के अध्यक्ष रोहित साहनी के नेतृत्व में जनचेतना बिक्री केंद्र में आग लगाने और तोड़-फोड़ करने की कोशिश की। जनचेतना प्रबंधक बिन्नी से उन लोगों ने छेड़छाड़ और बदतमीज़ी की। उसके बचाव के लिए आए कार्याकर्ताओं के साथ भी धक्का-मुक्की की गई। पुलिस दो घंटे तक मूक-दर्शक बन कर देखती रही। उन्होंने कहा कि पुलिस कट्टड़पंथियों के दबाव में उन पर धारा 295 ए के तहत मामला दर्ज करना चाहती थी। वहीं आज पुलिस ने उन्हें भरोसा दिया है कि जनचेतना और अन्य कार्याकर्ताओं पर कोई कार्यावाही नहीं होगी। लखविंदर ने बताया कि आज थाने में बातचीत के लिए हंगामा करने वाले पक्ष की तरफ़ से कोई भी नहीं पहुंचा।
रोष प्रदर्शन को संबोधन करने वाले नेताओं ने कहा कि शहीद भगत सिंह और राधामोहन गोकुल की किताबें सालों से पूरे देश में छप रही हैं। जनचेतना पर हुआ हमला इंकलाबी मुहिंम पर हमला है। इन किताबों और कार्याकर्ताओं को निशाना बनाने वाले विचार व्यक्त करने की आज़ादी और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है। रोष प्रदर्शन में जनचेतना, लुधियाना की प्रबंधक बिन्नी, टैक्सटाईल-हौज़री कामगार यूनियन के अध्यक्ष लखविंदर, नौजवान भारत सभा के प्रदेश संयोजक कुलविंदर, इंकलाबी केंद्र पंजाब के प्रदेश कमेटी सदस्य सूखदेव भूंदड़ी, पंजाब स्टूडेंट्स यूनीयन के नेता करमजीत, डेमोक्रेटिक लायरज़ एसोसिएशन के नेता हरप्रीत जीरख, कारखाना मज़दूर यूनीयन के नेता राजविंदर, डेमोक्रेटिक इम्पलाईज़ फ्रंट के नेता रमनजीत, तर्कशील सोसायटी पंजाब के नेता सतीश सचदेवा, मोल्डर एंड स्टील वर्कर्ज़ यूनीयन के अध्यक्ष विजय नारायण, लोक एकता संगठन के अध्यक्ष गल्लर चैहान आदि ने संबोधित किया। इसके बाद कार्याकर्ता मार्च करते हुए पंजाबी भवन स्थित जनचेतना बिक्री केंद्र पहुंचे और कल से बंद पड़ा बिक्री केंद्र खोला।
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