कसरत से दमा प्रोत्साहित होना आम बात है और 80 से 90 प्रतिशत दमा पीड़ितों में यह प्रभावी हो सकता है। ठंडी खुष्क हवा दमा रोगियों के लिए सांस लेने में मुश्किल पैदा कर सकती है, जिससे सांस फूलना, घरबराहट, खांसी या सीने में जकड़न हो सकती है। इस बारे में जानकारी देते हुए आईएमए के नैशनल प्रेसीडेंट इलेक्ट एंव एचसीएफआई के प्रेसीडेंट डॉ केके अग्रवाल ने बताया कि कसरत के तुरंत बाद या कुछ घंटों बाद यह लक्ष्ण सामने आ सकते हैं।
दस सुझाव-
- सर्दियों में अपने दमा पर पूरा नियंत्रण रखें
- सांस नली के ठंडा और खुष्क होने से दमा छिड़ सकता है
- ठंडी खुष्क हवा में कसरत करने से परहेज़ करें
- स्कीईंग, स्नो बोर्डिंग या आईस स्केटिंग जैसी सर्दियों की खेलों से बचें।
- कसरत से 20 मिनट पहले सांस नली वाले इनहेलर का प्रयोग करें
- इनहेलर को गर्म माहौल में रखें ताकि स्प्रे करते वक्त ठंडा ना लगे
- तीव्र कसरत करने से पहले खुद को वार्म अप करें और बाद में सामान्य होने तक इंतज़ार करें
- ठंडी हवा में कसरत कर रहे हों तो मुंह और नाक को ढक कर रखें ताकि सांस में ठंडी हवा ना जाए
- सांस नली को सूखने से बचाने के लिए कसरत से पहले और बाद में काफी मात्रा में तरल लें
- बाहर का तापमान जब कम हो जाए तो अंदर ही कसरत करें
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