इस बारे में जानकारी देते हुए आईएमए के नेशनल प्रेसीडेंट डाॅ केके अग्रवाल और जनरल सेक्रेटरी डाॅ आरएन टंडन कहते हैं कि गर्मी में अनेक किस्म की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें हाईपरथर्मिया, गर्मी से दाने, जकड़न, त्वचा का फूलना और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। किसी को हीट एग्ज़ाॅशन भी हो सकती है जब कोई अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आए या भारी कसरत करते हुए शरीर में पानी और इलेक्ट्रोटाईप की कमी हो जाए, तो शरीर की मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं और दर्द होने लगती हैं। अगर ध्यान ना दिया जाए तो बेहोशी भी आ सकती है। सोसरायसिस, दाने और छाले जैसी त्वचा की समस्याएं भी हो सकती हैं जो गर्मी की वजह से होती हैं। इसके साथ ही आंत में सूजन, दस्त, पेचिश और अत्यधिक उल्टियों जैसे पाचनतंत्र की समस्याएं भी हो सकती हैं। महिलाओं को पेशाब नली में बैक्टीरीया और वायरल संक्रमण हो सकता है।
- जहां भी जाएं पानी की बोतल साथ ले जाएं
- ज़्यादा मीठे वाले और पैकेट वाले जूस से परहेज़ करें
- थोड़ी-थोड़ी देर बाद पानी नियमित रूप से पीते रहें
- गहरे और तंग कपड़े ना पहनें। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहने जो गर्मी को बेहतर तरीके से संभालते हैं
- तरबूज, खरबूजा, खीरा और ज़ुकीनी जैसे गर्मी के ज़्यादा से ज़्यादा फल और सब्जि़्ायां खाएं जिनमें पानी और खनिज तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।
- अगर सफर पर जाना हो तो शरीर को ठंडा और आरामदायक रखने वाला सामान अपने साथ रखें।
ज़्यादा थकाने वाली कसरत ना करें। हल्के और सांस ले सकने वाले कपड़े गर्मी कम पैदा करते हैं। योग, रस्सी कूदना और तेज़ सैर करना मददगार हो सकता है। रूकी हुई साईकल पर आधा घंटा साईकलिंग करना भी अच्छा रहता है। चारदीवारी के अंदर रहें और पानी पीना ना भूलें और शरीर को गर्मियों में ज़्यादा थकाएं ना।
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